Uttarakhand

केंद्रीय विद्यालय की प्रधानाचार्य पर किशोरी के उत्पीड़न करने का लगा आरोप

 देहरादून। केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी की प्रधानाचार्य पर किशोरी के उत्पीड़न करने का आरोप लगा है। आरोप है कि वे चमोली जनपद की 15 वर्षीय लड़की को पालन पोषण करने के नाम पर यहां लाई थीं, लेकिन यहां उस पर तमाम जुल्म किए। लड़की का आरोप है कि प्रधानाचार्य ने उस पर कई तरह के लांछन लगाए और बात-बात पर उससे मारपीट की। जैसे-तैसे लड़की प्रधानाचार्य के चंगुल से निकलकर अपने घर पहुंच गई। इसके बाद उसने अपने साथ हुई बर्बरता की कहानी बाल अधिकार संरक्षण आयोग को बताई। आयोग ने चमोली पुलिस से मामले की शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब आयोग ने प्रधानाचार्य को 17 जनवरी को तलब किया है। इसके साथ ही पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था को मामले में कार्रवाई कराने को कहा गया है।

लड़की का न तो कहीं किसी स्कूल में दाखिला कराया और न ही उसे घर पर पढ़ाया

आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बताया कि केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी की प्रधानाचार्य डॉ. अंशुम शर्मा करीब तीन साल पहले अपने रिश्तेदार के माध्यम से चमोली जोशीमठ से एक किशोरी को अपने साथ देहरादून लाईं थी। उन्होंने लड़की के परिजनों से वादा किया था कि वे उसे पढ़ाएंगी और शादी भी कराएंगी। आरोप है कि उन्होंने न उसका स्कूल में दाखिला कराया और न ही उसे घर पर पढ़ाया। उल्टे उसे प्रताड़ित करने लगीं। करीब तीन माह पहले लड़की उनके चंगुल से छूटी तो उसने अपने एक परिचित के माध्यम से आयोग को शिकायत की। आयोग को भेजे पत्र में लड़की ने बताया कि अंशुम शर्मा उस पर अपने पति के संबंध में तमाम गंदे लांछन लगाती थी। कुछ कहने पर वे बेहद क्रूरतापूर्ण तरीके से मारने पीटने लगती थीं।

पुलिस ने जांच शुरू की और लड़की के बयान दर्ज किए

कई बार लड़की ने अपने घर जाने की सोची, मगर वह कोई न कोई बहाना बनाकर उसे रोक लेती थी। लड़की का आरोप है कि अंशुम शर्मा ने कई बार उससे मारपीट की और घर के काम आदि कराए। उन्होंने लड़की के पिता को लेकर भी कई बार टिप्पणी की।

ऊषा नेगी ने बताया कि लड़की का पत्र मिलते ही उन्होंने चमोली पुलिस को कार्रवाई के लिए कहा गया था। पुलिस ने जांच शुरू की और लड़की के बयान दर्ज किए। लेकिन, कोई कार्रवाई करने के बजाय उसे यह कहकर टरका दिया कि मामला देहरादून का है, तो वह मुकदमा भी देहरादून में ही दर्ज कराए। नेगी ने बताया कि पुलिस के इस गैरजिम्मेदार जवाब पर नाराजगी जताते हुए अब पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार को पत्र लिखा गया है। ताकि, आरोपी प्रधानाचार्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा सके।

‘चमोली पुलिस ने बच्ची को टरका दिया’

हमें शिकायत मिली थी। इसके बाद चमोली पुलिस को जांच करने के लिए कहा गया, मगर चमोली पुलिस ने बच्ची को टरका दिया। उसके माता पिता के बयान भी दर्ज नहीं किए गए। अब प्रधानाचार्य को हमने 17 जनवरी को तलब किया है।
-ऊषा नेगी, अध्यक्ष बाल अधिकार संरक्षण आयोग

मुझे अभी ऐसी किसी शिकायत की जानकारी नहीं है। फिलहाल जानकारी ले रही हूं। इसके बाद ही कुछ बता पाऊंगी।
– डॉ. अंशुम शर्मा, प्रधानाचार्य केवी ओएनजीसी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button