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भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी AIIMS में भर्ती

नई दिल्ली। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (93) को सोमवार सुबह 11:30 बजे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है। वह लंबे समय से बीमार चल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देर शाम उनका हालचाल जानने एम्स पहुंचे। मोदी करीब 50 मिनट तक अस्पताल में रुके। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उनका हाल-चाल जाना। राहुल के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी वाजपेयी को देखने अस्पताल पहुंचे। उनके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी थे। पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी पूर्व प्रधानमंत्री को देखने एम्स पहुंचे।

कार्डियक केयर यूनिट में किया जा रहा है पूर्व पीएम का इलाज भाजपा ने बयान जारी कर उनके एम्स में भर्ती होने की जानकारी दी। इसके अनुसार उन्हें रूटीन जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि, एम्स में उनका कार्डियक केयर यूनिट (सीसीयू) में इलाज किया जा रहा है। संस्थान के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया की देखरेख में चार विभागों के डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उनकी हालत स्थिर है, लेकिन उन्हें अभी अस्पताल से छुट्टी नहीं दी जाएगी। बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) से जूझ रहे हैं। वह 2009 से ही व्हीलचेयर पर है। उन्हें 27 मार्च 2015 को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उनका जन्मदिन (25 दिसंबर) सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है।

जल्द स्वस्थ होने की कामना वाजपेयी के एम्स में भर्ती होने की सूचना सोमवार को तेजी से फैली। सोशल नेटवर्क पर ट्वीट कर लोग उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। एम्स की प्रवक्ता डॉ. आरती विज ने कहा कि उन्हें जांच व इलाज के लिए भर्ती किया गया है। उनकी हालत स्थिर है। बताया जा रहा है कि नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रोलॉजी, पल्मोनोलॉजी तथा कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों की टीम उनकी जांच कर रही है।

एम्स के डॉक्टर घर पर ही करते रहे हैं उनका इलाज  वाजपेयी को भर्ती करने से पहले तक एम्स के डॉक्टर उनके घर पर ही जांच के लिए जाते रहे हैं। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया भी नियमित तौर पर उनके घर इलाज के लिए जाते थे।

तीन बार रह चुके हैं प्रधानमंत्री  अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री बन चुके हैं। सबसे पहले वह 1996 में 13 दिन के लिए पीएम बने, लेकिन बहुमत साबित न कर पाने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। दूसरी बार 1998 में फिर प्रधानमंत्री बने, लेकिन सहयोगी पार्टियों के समर्थन वापस लेने की वजह से 13 महीने बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।1999 में फिर आम चुनाव हुए। 13 अक्टूबर 1999 को वह तीसरी बार पीएम बने। इस बार उन्होंने 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा किया। वाजपेयी 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लोकसभा सदस्य रह चुके हैं। वह बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूर्ण करने वाले पहले और अभी तक एकमात्र गैर-कांग्रेसी नेता हैं। 25 दिसंबर 1924 में जन्मे वाजपेयी ने भारत छोड़ो आंदोलन के जरिये 1942 में भारतीय राजनीति में कदम रखा था।

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