Uttarakhand

तो पति अशोक ने ही बनाई थी अपनी पत्नी कामना के मर्डर की योजना

देहरादून। राजधानी देहरादून में माता मंदिर रोड स्थित घर मेें हुए कामना रोहिला हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। कामना की हत्या उसके पति अशोक ने ही अपने जिगरी दोस्तों से कराई थी। रिंकू नाम के जिस लड़के के सिर वह कातिल होने का आरोप पिछले पांच दिनों से मढ़ रहा था, वह जिंदा ही नहीं है। अशोक पिछले साल नवंबर में राजस्थान ले जाकर उसका कत्ल करवा चुका है। दस महीने के इंतजार के बाद 29 अगस्त की रात मौका मिलते ही उन्हीं दोस्तों से पत्नी कामना का भी खून करा दिया।

आरोपित अशोक ने हत्या की योजना बिल्कुल फिल्मी अंदाज में तैयार की, जिसकी पटकथा वह करीब एक साल से अशोक लिख रहा था। बुधवार को पुलिस ने रिंकू के कत्ल में शामिल अशोक के जिगरी दोस्त दीपक और कामना की हत्या करने वाले दीपक के भाई गौरव को गिरफ्तार कर लिया, जबकि अस्पताल में भर्ती अशोक पर दो पुलिसकर्मी चैबीस घंटे नजर रख रहे हैं। जबकि रिंकू के कत्ल में शामिल एक आरोपित अभी फरार है। पुलिस ने अशोक के घर की डीवीआर भी बरामद कर ली है। पांच दिनों से सुर्खियों में रहे कामना हत्याकांड का बुधवार को एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने खुलासा किया। एसएसपी ने बताया कि अशोक और कामना दोनों के ही विवाहेत्तर संबंध थे। अशोक एक साल से कामना को रास्ते से हटाने की योजना बना रहा था। उसने सोचा कि कामना की हत्या होने पर उसकी पॉलिसी की रकम उसे मिल जाएगी और कर्जे उतार कर वह सुकून की जिंदगी गुजारेगा। योजना के बारे में उसने अपने स्कूल के दिनों के दोस्त दीपक उसके भाई गौरव और परवेज निवासी सरधना मेरठ को बताया। तय हुआ कि पहले अशोक की बुआ की देवरानी के बेटे रिंकू का कत्ल किया जाए और बाद में कामना की हत्या कर आरोप रिंकू पर मढ़ देंगे। जब वो मिलेगा ही नहीं तो कामना की हत्या का सच भी कभी सामने नहीं आएगा। बीते साल तीन नवंबर को रिंकू अशोक के जन्मदिन में पार्टी में शामिल होने आया। दीपक, गौरव और परवेज भी आए। योजना के तहत चार नवंबर को अशोक ने रिंकू को अपने दोस्तों के साथ यह कहकर राजस्थान भेजा कि वहां उसे नौकरी दिला देगा। इस बहाने से उसे ले जाकर दीपक, गौरव और परवेज ने राजस्थान में रिंकू की गला घोंटकर हत्या कर दी और चुरू में शव को झाड़ियों में छिपा दिया। रिंकू की हत्या के बाद अशोक की आधी योजना बिना किसी अड़चन के पूरी हो चुकी थी। अब बारी कामना की थी। कामना की हत्या के लिए भी इन्हीं तीनों दोस्तों से बात की और दो लाख रुपये देने की बात की। गौरव ने कामना की हत्या की सुपारी ले ली। तय योजना के तहत 28 अगस्त को ही गौरव अशोक के घर आ गया, लेकिन उस दिन कामना के कुछ रिश्तेदार भी आ गए। इस वजह से उस दिन वारदात को अंजाम नहीं दे सका। अगले दिन अशोक और कामना घर में अकेले थे। रात 11.30 बजे जब कामना बेडरूम में सोने चली गई तो गौरव ने कामना को गोली मार दी। इसके बाद अशोक ने कहा कि वह उसे भी पेट में गोली मार दे। गौरव ने ऐसा ही किया। इसके बाद अशोक ने ही डीवीआर उखाड़ कर गौरव को दिया और पिस्टल उससे लेकर अपने पास रख ली। गौरव वहां से अशोक की कार लेकर फरार हो गया।

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