उत्तरप्रदेश

अलर्ट जारी- सर्दी बढ़ने के साथ फिर मंडराया स्वाइन फ्लू का खतरा,

मेरठ-सर्दी बढ़ने के साथ ही स्वाइन फ्लू का खतरा फिर से मंडराने लगा है। निदेशक संक्रामक रोग वीबीडी उत्तर प्रदेश की ओर से जारी पत्र में सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं कि वह स्वाइन फ्लू से निपटने की तैयारी पूरी करें। इसके बाद इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी। सीएमओ ने सरकार की स्वाइन फ्लू से बचाव को लेकर एडवाइजरी चिकित्साधिकारियों को भेज दी और अलर्ट रहने के निर्देश दिए।
इस बार गर्मी के मौसम में स्वाइन फ्लू का प्रकोप गहरा गया था। पिछले वर्षों में स्वाइन फ्लू का प्रकोप सर्दी के मौसम में हुआ था। इसके मद्देनजर स्वाइन फ्लू के खतरे को देखते हुए निदेशक राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पत्र के माध्यम से स्वाइन फलू से ग्रसित राज्यों को एडवाइजरी भेजी है। स्वाइन फ्लू से बचाव की तैयारियों से संबंधित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
जानकारों की माने तो एंफ्लूएंजा-ए-एचएन (स्वाइन फ्लू) का वायरस अधिकतर कम तापमान में ही असर दिखाता है, लेकिन इस बार इस वायरस ने अपना प्रकोप गर्मी के महीनों से ही दिखाना शुरू कर दिया था। अगस्त से लेकर अक्तूबर तक मेरठ में ही इसकी चपेट में सौ से अधिक मरीज आ चुके थे।
क्या हैं लक्षण
स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं सर्दी, जुकाम, सूखी खांसी होना, थकान होना, सिरदर्द और आंखों से पानी आना। किसी मरीज की सांस भी फूलने लगती है। संक्रमण तेज है तो बुखार तेज हो जाता है।
ये रखे सावधानियां
सीएमओ डॉ. राजकुमार कहते हैं कि इससे बचाव के लिए हाइजीन का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए। खांसते समय, छींकते समय टीशू से कवर रखें। बाहर से आकर हाथों को साबुन से अच्छी प्रकार से धोएं। एल्कोहल बेस्ड सेनिटाइजर का प्रयोग करें। जिन लोगों में इसके लक्षण हो उन्हें मास्क पहनना चाहिए। मरीज को क्लोज कांटेक्ट से बचना चाहिए। रेग्यूलर ब्रेक पर हाथ धोएं। इसके टेस्ट के लिए गले और नाक के द्रव्यों का टेस्ट होता है। बिना चिकित्सीय सलाह के टेस्ट न कराएं। तेज बुखार पर तुरंत चिकित्सीय सलाह लें।
इस साल 400 से अधिक मरीज आए चपेट में
पिछले दो महीनों में स्वाइन फ्लू से अधिक लोग पीड़ित हुए। इस वर्ष करीब 400 से अधिक मरीज स्वाइन फ्लू वायरस की चपेट में आए। इनमें से 34 लोगों की मौत हुई। स्वाइन फ्लू का प्रकोप दिसंबर से मार्च तक होता है। ठंड बढ़ने से इसके वायरस के फैलने की आशंका बनी हुई है।
इस बार स्वाइन फ्लू ने पहले ही दे दी थी दस्तक : सीएमओ
सीएमओ डॉ. राजकुमार ने बताया कि स्वाइन फ्लू ने इस बार पहले ही दस्तक दे दी थी। इस संबंध में जो निर्देश प्राप्त हुए हैं उनका अनुपालन कराया जा रहा है। इससे निपटने की तैयारी बहुत पहले से है। जिला अस्पताल और सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। अलग से वार्ड बनाए गए हैं। उनमें बेड की संख्या और दवाइयां पर्याप्त हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button