Uttarakhand

महिला जज के घर से किशोरी को मुक्त कराया

हरिद्वार : हरिद्वार की सिविल जज सीनियर डिवीजन के आवास से हल्द्वानी की एक किशोरी को बरामद किया गया है। किशोरी के परिजनों ने महिला जज पर उनकी बेटी को चार साल से जबरन साथ रखने का आरोप लगाते हुए नैनीताल हाईकोर्ट में शिकायत की थी। हाईकोर्ट के आदेश पर सोमवार को जिला जज राजेंद्र सिंह स्थानीय पुलिस और चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम को साथ लेकर सिविल जज के आवास पर पहुंचे और किशोरी को मुक्त कराकर अपने साथ ले आए। बाद में उसका जिला अस्पताल में मेडिकल कराया गया। हालांकि अभी पूरे मामले की जांच की जा रही है।

हल्द्वानी के पदमपुरी गांव निवासी एक परिवार ने हाईकोर्ट में शिकायत देते हुए आरोप लगाया था कि हरिद्वार की सिविल जज ने उनकी बेटी को जबरन अपने साथ रखा हुआ है। बच्ची को प्रताड़ित करने का आरोप भी परिजनों की ओर से लगाया गया था। शिकायत का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने जिला जज हरिद्वार को आवश्यक कार्यवाही के आदेश दिए। जिला जज राजेंद्र सिंह सोमवार की शाम एएसपी रचिता जुयाल और चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम को साथ लेकर जजेज कॉलोनी स्थित सिविल जज के आवास पर पहुंचे। यहां टीम को किशोरी मिल गई, वह उसे साथ ले आए। इसके बाद जिला अस्पताल ले जाकर मेडिकल कराया गया।

मेडिकल करने वाले डा. आरके सिंघल के मुताबिक किशोरी के शरीर पर करीब 20 से ज्यादा चोटों के निशान हैं। जलाने के भी कुछ निशान मिले हैं। ये निशान पुराने हैं, लेकिन किशोरी के सिर पर ताजा चोट के निशाने पाए गए हैं। मेडिकल के दौरान भी जिला जज अस्पताल में मौजूद रहे। जिला जज राजेंद्र सिंह ने बताया कि तेरह वर्षीय किशोरी का मेडिकल कराया गया है। मामला गंभीर है और अभी जांच चल रही है। इसलिए ज्यादा जानकारी देना फिलहाल संभव नहीं है। वहीं एसएसपी कृष्ण कुमार वीके का कहना है कि जांच कर रिपोर्ट जिला जज को भेजी जा रही है। फिलहाल, किशोरी महिला हेल्पलाइन की निगरानी में है।

उधर, जज ने सभी आरोपों को निराधार बताया। उनका कहना है कि किशोरी के पिता के अनुरोध पर ही वह उसे पढ़ाई-लिखाई के लिए अपने घर लाईं थीं।

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