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हेनंब चिकित्सा शिक्षा विवि में कुलपति की आयु सीमा 65 से बढ़ाकर 70 वर्ष की गई

देहरादून। हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय में कुलपति पद के लिए आयु सीमा 65 वर्ष से बढ़ा कर 70 साल की गई है। बृहस्पतिवार को कैबिनेट बैठक में हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी गई।
अभी तक विश्वविद्यालय में कुलपति पद के लिए आयु सीमा 65 वर्ष निर्धारित थी। अधिनियम में संशोधन होने के बाद 70 साल की आयु के बाद कुलपति पद पर पुनर्नियुक्ति नहीं की जाएगी। यह व्यवस्था वर्तमान में तैनात कुलपति पर भी लागू होगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत राजकीय नर्सिंग कॉलेज में ट्यूटर, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर, उप प्रधानाचार्य और प्रधानाचार्य के पद वर्ष 2017 से कार्यरत कर्मचारियों को नर्सिंग शिक्षक सेवा संवर्ग में समायोजित किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के तहत विभिन्न चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केंद्रों से राजकीय नर्सिंग कालेजों में ट्यूटर, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर, उप प्रधानाचार्य और प्रधानाचार्य पदों पर कर्मचारियों को संबद्ध किया गया है। अब सरकार ने संबद्धता पर दो साल पूरे करने वाले कर्मचारियों को नर्सिंग शिक्षक सेवा संवर्ग में समायोजित करने का निर्णय लिया है। देहरादून, टिहरी, चमोली, हल्द्वानी, अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ में छह राजकीय नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं। इन कालेजों में स्वास्थ्य विभाग से कर्मचारियों को संबद्धता पर तैनात किया गया है। एम्स ऋषिकेश के पास भाऊराव देवरस न्यास लखनऊ की ओर से रोगी सहायता केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसके लिए कैबिनेट ने न्यास को 1.43 हेक्टेयर भूमि लीज पर देने की मंजूरी दे दी है। रोगी सहायता केंद्र बनने से एम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के तीमारदारों को सस्ती दरों पर ठहरने की सुविधा मिलेगी। भाऊराव देवरस न्यास की ओर से दिल्ली एम्स और उत्तर प्रदेश के लखनऊ में रोगियों के तीमारदारों की सुविधा के लिए रोगी सहायता केंद्र स्थापित किया गया है। जहां पर सस्ती दरों पर ठहरने के लिए कमरे उपलब्ध कराए जा रहे हैं। न्यास ने एम्स ऋषिकेश में आने वाले मरीजों के तीमारदारों के लिए रोगी सहायता केंद्र स्थापित करने के लिए सरकार से तीन हेक्टेयर भूमि मांगी थी। बृहस्पतिवार को कैबिनेट ने वीरभद्र वन ब्लॉक में 1.43 हेक्टेयर भूमि लीज पर देने को मंजूरी दे दी है। यह भूमि वर्तमान में सिंचाई विभाग के पास है। इस भूमि को वन विभाग सिंचाई विभाग से वापस लेकर न्यास को देगा। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि न्यास की ओर से मरीजों के तीमारदारों से 50 से 60 रुपये में ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। रोगी सहायता केंद्र बनने से पर्वतीय क्षेत्रों से आने वाले मरीजों के तीमारदारों को सस्ती दरों पर ठहरने की सुविधा मिलेगी।

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