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आज़ाद भारत के 70 साल के इतिहास में मणिकर्णिका दूसरी फ़िल्म है, जो रानी लक्ष्मी बाई के जीवन पर बनायी गयी

मुंबई। कंगना रनौत की फ़िल्म ‘मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ़ झांसी’ सिनेमाघरों में पहुंच चुकी है और दर्शक बड़े पर्दे पर रानी लक्ष्मी बाई के अदम्य साहस, शौर्य और वीरता की जीती-जागती तस्वीर देख रहे होंगे। मगर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मर्दानी के उपनाम से इतिहास में प्रसिद्ध लक्ष्मी बाई के किरदार ने तमाम साहित्यकारों को तो प्रेरित किया, मगर कम ही फ़िल्मकारों ने इस महान किरदार को बड़े पर्दे पर उतारने में दिलचस्पी दिखायी। आज़ाद भारत के 70 साल के इतिहास में मणिकर्णिका दूसरी फ़िल्म है, जो रानी लक्ष्मी बाई के जीवन पर बनायी गयी हो।

सोहराब मोदी ने 1953 में बनायी थी झांसी की रानी

यह भी संयोग है कि ‘मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ़ झांसी’ 25 जनवरी को रिलीज़ हुई है और इससे ठीक 66 साल पहले 1953 में 24 जनवरी को रानी लक्ष्मी बाई की पहली बायोपिक फ़िल्म ‘झांसी की रानी’ रिलीज़ हुई थी, जो हिंदी सिनेमा की क्लासिक फ़िल्म मानी जाती है। इसका निर्माण और निर्देशन भारतीय सिनेमा के युग पुरुष सोहराब मोदी ने किया था। तकनीक और ट्रीटमेंट के लिहाज़ से ‘झांसी की रानी’ अपने समय की महत्वपूर्ण फ़िल्म मानी जाती है। सोहराब मोदी ने इस फ़िल्म का निर्माण पहले ब्लैक एंड व्हाइट रील पर किया था। मगर, जब उन्होंने रानी लक्ष्मी बाई के जीवन के रंग देखे तो उन्होंने तय किया कि इसे रंगीन करेंगे। इस काम के लिए हॉलीवुड से तकनीशियन बुलाये गये थे और इस तरह ‘झांसी की रानी’ भारतीय सिनेमा की पहली टेक्नीकलर फ़िल्म बनी। ‘झांसी की रानी’ की कहानी 1857 में हुए पहले स्वतंत्रता संग्राम की पृष्ठभूमि पर आधारित थी, जिसमें रानी लक्ष्मी बाई के नेतृत्व में हिंदुस्तानियों ने ब्रिटिश हुकूमत के ख़िलाफ़ आज़ादी की पहली लड़ाई लड़ी जाती है। फ़िल्म की कहानी 1946 में आये वृंदावन लाल वर्मा के उपन्यास ‘झांसी की रानी लक्ष्मी बाई’ से ली गयी थी। फ़िल्म में रानी लक्ष्मीबाई का किरदार सोहराब मोदी की पत्नी महताब ने निभाया था, जबकि वो ख़ुद राजगुरु के बेहद अहम रोल में थे, जो रानी लक्ष्मी बाई के राजकीय सलाहकार भी थे। 1956 में ‘झांसी की रानी’ को ‘टाइगर एंड द फ्लेम’ के नाम से अंग्रेजी में डब करके दोबारा रिलीज़ किया गया था।  इसके कई दशकों तक रानी लक्ष्मीबाई की किसी फ़िल्मकार ने कोई सुध नहीं ली। झांसी की रानी को महिला सशक्तिकरण की अलख जलाने वाली योद्धा के तौर पर तो याद किया जाता रहा, मगर किसी फ़िल्ममेकर ने इस कहानी को पर्दे पर लाने की ज़हमत नहीं उठाई। अलबत्ता, देश प्रेम से जुड़ी कुछ फ़िल्मों में झांसी की रानी को रेफ़रेंस के तौर पर ज़रूर शामिल किया गया।

झांसी की रानी बनने से चूकीं सुष्मिता सेन

लगभग एक दशक पहले मिस यूनिवर्स रहीं सुष्मिता सेन ने झांसी की रानी पर फ़िल्म का एलान किया था। इस किरदार से सुष्मिता इतनी प्रभावित थीं कि लीड रोल निभाने के साथ इसे प्रोड्यूस भी करने वाली थीं। सुष्मिता इसे भव्य स्तर पर बनाना चाहती थीं। उस वक़्त सुष्मिता ने इस बात पर अफ़सोस भी जताया था कि आज़ादी की लड़ाई की इतनी अहम शख़्सियत इतिहास के पन्नो में गुम होकर रह गयी। सुष्मिता ने स्क्रिप्ट लिखने के लिए 2 साल की रिसर्च भी की थी और 2009 में वो इसकी शूटिंग शुरू करने वाली थीं, मगर किन्हीं कारणों से सुष्मिता का यह सपना पूरा नहीं हो सका।
केतन की रानी लक्ष्मी बाई बनाम कंगना की मणिकर्णिका

2016 में केतन मेहता ने रानी लक्ष्मी बाई पर फ़िल्म का एलान किया था, जिसमें कंगना रनौत को लीड रोल निभाने के लिए चुना था। केतन ने बताया था कि इस किरदार के लिए कंगना घुड़सवारी और तलवारबाज़ी का प्रशिक्षण लेंगी। मगर, बाद में कंगना केतन के प्रोजेक्ट से अलग हो गयीं और उन्होंने ‘बाहुबली’ सीरीज़ के लेखक केवी विजयेंद्र प्रसाद की लिखी स्क्रिप्ट पर ख़ुद झांसी की रानी बनने का फ़ैसला किया और इस तरह ‘मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ़ झांसी’ अस्तित्व में आयी। हालांकि इस फ़िल्म के साथ भी निर्माण के दौरान कई विवाद जुड़े रहे। फ़िल्म को कृष डायरेक्ट कर रहे थे, मगर बाद में कंगना ने ख़ुद निर्देशन की कमान अपने हाथों में ले ली और डायरेक्टोरियल डेब्यू किया।

रानी लक्ष्मी बाई पर इंडो-अमेरिकन फ़िल्म

रानी लक्ष्मी बाई पर एक इंडो-अमेरिकन फ़िल्म ‘Swords And Sceptres- The Rani Of Jhansi’ भी निर्माणाधीन है, जिसमें देविका भीसे रानी के किरदार को निभा रही हैं। फ़िल्म का स्वाति भीसे ने डायरेक्ट किया है। इसकी शूटिंग राजस्थान के अलावा मोरक्को में हुई है। फ़िल्म में देसी-विदेशी चेहरे अहम किरदारों में नज़र आएंगे। देविका ने पिछले साल फ़िल्म की शूटिंग के दौरान कुछ वीडियो भी पोस्ट किये थे।

छोटे पर्दे पर रानी लक्ष्मी बाई

छोटे पर्दे की बात करें तो रानी लक्ष्मी बाई पर दो बार टीवी सीरीज़ आयी हैं। दूरदर्शन पर प्रसारित हुई सीरीज़ में वर्षा उसगांवकर ने रानी लक्ष्मीबाई का किरदार निभाया था। 2009 में ‘एक वीर स्त्री की कहानी- झांसी की रानी’ ज़ी टीवी पर प्रसारित किया गया था, जिसमें उल्का गुप्ता ने मणिकर्णिका रोल निभाया था, जबकि कृतिका सेंगर रानी लक्ष्मी बाई के किरदार में नज़र आयी थीं।

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