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दुर्रानी ने अपनी किताब मेंकुछ खास मुद्दों पर पाकिस्‍तान की काली कर्तुतों तो सामने रखा

नई दिल्‍ली। पाकिस्‍तान का हाल बड़ा ही निराला है। यहां पर जो सच बोलने की हिमाकत करता है उस पर बंदिशें और आरोपों की झड़ी लग जाती है। हालांकि वहां पर ऐसा पहली नहीं हो रहा है। दरअसल हम बात कर रहे हैं पाकिस्‍तान की सियासत में आए नए उबाल की, जिसकी वजह बने हैं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) असद दुर्रानी। उन्‍होंने भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ प्रमुख एएस दुलत के साथ मिलकर एक किताब लिखी है जिसमें उन्‍होंने कुछ खास मुद्दों पर पाकिस्‍तान की काली कर्तुतों तो सामने रखा है। इसको लेकर अब वहां की फौज के आला अधिकारी समेत खुद पूर्व पीएम नवाज शरीफ भी उनके खिलाफ मैदान में उतर आए हैं। आलम ये है कि नवाज कुछ समय पहले इसी तरह की बात करके वहां के नेताओं और फौज के आला अधिकारियों के निशाने पर आ गए थे। लेकिन अब राजनीति करने के नाम पर नवाज भी दुर्रानी के खिलाफ खड़े हो गए हैं।

देश छोड़ने पर रोक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) असद दुर्रानी के देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई है। यह फैसला उनके द्वारा इस विषय पर दिए गए जवाबों से असंतुष्‍ट होने पर लिया गया है। इसके बाद दुर्रानी का नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट में डाल दिया गया, जिसके चलते अब वह देश छोड़कर बाहर नहीं जा सकते हैं। इसके अलावा उनके खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी भी बैठा दी गई है। यह इंक्वायरी कार्यरत लेफ्टिनेंट जनरल करेंगे। दुर्रानी सन 1990 से 1992 के बीच आइएसआइ के प्रमुख रहे थे। आपको यहां पर ये भी बता दें कि दुर्रानी और पूर्व रॉ चीफ एएस दुलत की किताब द स्पाई क्रॉनिकल्स : रॉ, आइएसआइ एंड द इल्यूशन ऑफ पीस पाकिस्‍तान के बाजार में फिलहाल नहीं है लेकिन इंटरनेट पर ये उपलब्‍ध है।

ये हैं दुर्रानी के किताब लिखने से नाराज  उनकी लिखी किताब द स्पाई क्रॉनिकल्स : रॉ, आइएसआइ एंड द इल्यूशन ऑफ पीस को लेकर पूर्व सैन्‍य अधिकारी समेत कई अन्‍य भी अब खुलकर सामने आ गए हैं। जो लोग दुर्रानी का विरोध कर रह हैं उनमें देश के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ समेत पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल अब्दुल कय्यूम, पूर्व मेजर जनरल एजाज अवान, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख नेता व पूर्व स्पीकर राजा रब्बानी का नाम शामिल है। नवाज शरीफ ने इस मसले पर राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाने की भी मांग की थी। वहीं राजा रब्बानी ने दुश्मन देश के खुफिया प्रमुख के साथ किताब लिखने पर उनकी कड़ी निंदा की है।

कई मुद्दों पर चर्चा  दुर्रानी और दुलत ने इस किताब में कई संवेदनशील मसलों पर चर्चा की है। किताब में दुर्रानी ने अपने समय के कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के कामकाज पर सवाल उठाए हैं, उनकी करनी के बारे में बताया है। इस किताब में लिखा है कि अगर पाकिस्तान हाफिज सईद पर मुकदमा चलाता है तो पहली प्रतिक्रिया होगी कि ऐसा भारत की तरफ से किया जा रहा है। लोग कहेंगे आप उसे खदेड़ रहे हैं, वह निर्दोष है। अब इसकी राजनीतिक कीमत बहुत बड़ी है। दुर्रानी ने अपनी नई किताब में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत के साथ भारत और पाकिस्तान से जुड़े हरेक मुद्दे पर चर्चा की है।

किताब में डेविड हेडली का जिक्र  इस किताब में उन्‍होंने लिखा है कि मुंबई हमले में चार दिनों का विनाश, 168 लोगों की हत्या ही इसकी वजह नहीं है। पाकिस्तान अपने पूर्वी क्षेत्र में युद्ध का खतरा और उठाने की हालत में नहीं है। देश के पश्चिम में भी कई समस्याएं हैं। उन्‍होंने आगे लिखा है कि वह नहीं जानते हैं कि यह किसने किया लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि आइएसआइ मेजर डेविड हेडली (अमेरिका की गिरफ्त में) ने पाकिस्तान के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। हेडली के हाफिज सईद से संबंध होने की रिपोर्ट में दुर्रानी ने लिखा है कि लोग इस बारे में जांच-पड़ताल करा सकते हैं। इन्‍हीं संवेदनशील जानकारियों का खुलासा करने को पाकिस्तानी सेना ने गंभीरता से लिया है। हालांकि दुर्रानी ने इस किताब पर विवाद खड़ा होने की आशंका पहले ही जता दी थी।

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