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जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा एशिया पुरस्कार, 2020 के लिए चुना गया

देहरादून। ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) को प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय उच्च शिक्षा रैंकिंग एजेंसी – टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) ने अपने एशिया अवार्ड्स 2020 के लिए दो श्रेणियों में चुना है। जेजीयू यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत का एकमात्र विश्वविद्यालय है। जेजीयू को जिन दो श्रेणियों में पुरस्कार के लिए चुना गया है वे हैं – ‘‘उत्कृष्ट नेतृत्व और प्रबंधन टीम’’ तथा ‘‘कला में उत्कृष्टता और नवाचार।’’ जेजीयू ने अभी अपनी स्थापना के केवल 10 साल पूरे किए हैं। वह इन शीर्ष सम्मानों को हासिल करने वाला एशिया का सबसे नया संस्थान है। जेजीयू को विशिष्ट मान्यता प्रदान करते हुए इस वर्ष तीन अलग-अलग पुरस्कार श्रेणियों के तहत शार्टलिस्ट किया गया है। यह जेजीयू के प्रयासों और उसकी उपलब्धियों को उजागर करता है। ये श्रेणियां है। 1. उत्कृष्ट नेतृत्व और प्रबंधन टीम, 2. कला में उत्कृष्टता और नवाचार तथा 3. वर्ष का कार्यस्थल।
      इन पुरस्कारों के लिए एशियाई महाद्वीप के 48 देशों के विश्वविद्यालयों को चुना गया। यह चुनाव चयनित विश्वविद्यालयों के परिवर्तनकारी कार्यों की पहचान करते हुए किया गया। द अवार्ड्स एशिया, 2020 के लिए दुनिया भर में सर्वश्रेष्ठ रूप से मान्यता प्राप्त सैकड़ों विश्वविद्यालयों की ओर से नामंकन दािखल किया गया। जेजीयू को लगातार दूसरे वर्ष द एशिया अवार्ड्स के लिए चुना गया है। ये पुरस्कार 2019 में टीएचई द्वारा स्थापित किए गए थे। जेजीयू को इस पुरस्कार के लिए विभिन्न श्रेणियों के लिए चुना गया है। टीएचई अवार्ड्स एशिया, 2020 प्रबंधन टीम प्रबंधन टीम और नेतृत्व की प्रभावशीलता, उदार कला और मानविकी के अध्ययन में सफलता, प्रेरक, उत्पादक और सक्षम बनाए रखने की प्रतिबद्धता तथा सक्षम कार्य स्थितियों के लिए स्वीकृति है।
      ओ पी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर (डा.) सी राज कुमार ने कहा, ‘‘लगातार दूसरी बार प्रशंसित टाइम्स हायर एजुकेशन अवार्ड्स एशिया 2020 के लिए चुने जाने के लिए जेजीयू टीम को बधाई। शिक्षण, अनुसंधान और शासन में उत्कृष्टता और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में हमारे निरंतर प्रयासों की यह उल्लेखनीय पहचान है। जिन तीन श्रेणियों में जेजीयू को टीएचई अवार्ड्स एशिया,2020 की ओर से चुना गया है वे भारत में विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय बनाने के लिए जेजीयू के विजन का केन्द्र बिन्दु है। टाइम्स हायर एजुकेशन जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित संगठन द्वारा संस्थान निर्माण के लिए जेजीयू के प्रयास को स्वीकृति प्रदान किया गया है जो विश्व में सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में अपने को स्थापित करने तथा कीर्तिमान स्थापित करने के लिए भारत के प्रयायों के लिए भी एक मान्यता है। घोषणा का स्वागत करते हुए, जिंदल स्कूल आफ लिबरल आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज (जेएसएलएच) की डीन प्रोफेसर कैथलीन मोड्रोवस्की ने कहा, “हम यह जानकर रोमांचित हंै कि जेएसएलएच को टाइम्स हायर एजुकेशन की ओर से दएचई एशिया अवार्ड्स 2020 के लिए चुना गया है और इस पुरस्कार के जरिए इसे भारत में सर्वश्रेष्ठ उदार कला विद्यालय के रूप में मान्यता दी गई है। मुझे खुशी है कि एशियाई और वैश्विक स्तर पर हमारी सर्वोत्तम प्रथाओं और नवाचारों की सराहना की गई है। मैं जेएसएलएच के सभी संकाय सदस्यों और छात्रों को इस विशेष अवसर पर बधाई देती हूं।’’ विशाल एशिया महाद्वीप में 13 हजार से अधिक विश्वविद्यालय हैं और इस क्षेत्र में वैश्विक उच्च शिक्षा के क्षेत्र  में उत्कृष्टता के केंद्रों में लगातार वृद्धि हो रही है। एशिया के कई विश्वविद्यालयों ने पिछले कुछ वर्षों में विश्वविद्यालयों की कुलीन वैश्विक रैंकिंग में एक ऐसा मुकाम बनाया है जो बहु-विषयक और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है जो इक्कीसवीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए सबसे उपयुक्त है। जिन तीन श्रेणियों में जेजीयू को सूचीबद्ध किया गया है वे कोविड-19 की मौजूदा महामारी के आलोक में उच्च शिक्षा में सबसे अधिक महत्वपूर्ण क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करतीे हैं जिन्हें सभी देशों द्वारा संबोधित किए जाने आवश्यकता है। आज दुनिया एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट और आर्थिक उथल-पुथल से जूझ रही है वैसे में विश्वविद्यालय समाज एवं मानव के रूप में हमारे सोचने के तौर तरीकों में सहयागात्मक और कल्पनाशील पुनर्निर्माण के मार्ग को प्रशस्त कर सकते हैं। उच्च शिक्षा और सीखने के संस्थान जो एक मजबूत और निर्णायक नेतृत्व को प्रदर्शित करते हैं और जो वैश्विक स्तर पर समग्र सामाजिक बदलाव के लिए प्रतिबद्ध हैं, वे वास्तविक परिवर्तन-निर्माता होंगे। अपनी स्थापना के एक दशक के भीतर, जेजीयू ने न केवल भारत को वैश्विक उच्च शिक्षा के विश्व मानचित्र पर जगह हासिल करने में कामयाबी हासिल की है, बल्कि यह शिक्षण, सीखने और अनुसंधान के लिए अधिक मांग वाला एक उच्च स्थान बन गया है।
     ये पुरस्कार उत्कृष्ट नेतृत्व और संस्थागत प्रदर्शन को पहचानने के लिए एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करते हैं, और इसकी सभी विविधता में एशियाई उच्च शिक्षा उत्कृष्टता को उजागर करते हैं। इसका उद्देश्य यह खोज करना है कि उद्योग के साथ अनुसंधान, शिक्षा और सहयोग में नवाचार की भावना आज भी कैसे जारी है, और यह कैसे राष्ट्रीय और अनुशासनात्मक सीमाओं को पार करने वाले विद्वानों और छात्रों द्वारा मजबूत किया गया है, साथ ही साथ यह किस तरह से उद्योग और शिक्षाविदों के बीच संबंध भी बना रहा है। इस सदी में एशियाई विश्वविद्यालयों की बढ़ती सामाजिक-आर्थिक शक्ति और राजनीतिक प्रभाव में एशियाई विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण हैं। वे सांस्कृतिक विरासत और ज्ञान प्रणालियों के संरक्षण के प्रभारी हैं जो कई एशियाई देशों में प्राचीन काल से मौजूद हैं। वे अनुसंधान के नेतृत्व वाले सामाजिक परिवर्तन के मोर्चे पर सबसे परिवर्तनकारी तरीकों से हैं जो हमारी दुनिया को बेहतर भविष्य के लिए बदल देंगे। अपने अस्तित्व के मात्र 10 वर्षों के भीतर, जेजीयू ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2020 में शामिल होकर कीर्तिमान रचा है और क्यूएस यंग यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2020 और दुनिया में शीर्ष 150 ‘युवा’ विश्वविद्यालयों में एकमात्र भारतीय निजी विश्वविद्यालय होने का गौरव हासिल किया। मार्च 2020 में, जेजीयू के जिंदल ग्लोबल लाॅ स्कूल को क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग बाय सब्जेक्ट 2020 (ला) में भारत के नंबर 1 ला स्कूल के रूप में स्थान दिया गया, इसके अलावा दुनिया के शीर्ष 150 लाॅ स्कूलों में से एक के रूप में स्थान दिया गया। सितंबर 2019 में, जेजीयू को भारत सरकार द्वारा ‘इंस्टीट्यूशन आॅफ एमिनेंस’ के रूप में चुना गया। भारत के केवल आठ निजी विश्वविद्यालयों को यह प्रतिष्ठित सम्मान मिला है जिनमें से जेजीयू एक है।

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