Uttarakhand

कमाने वाला एक खाने वाले अनेक रहा यही हाल तो नही भरेगा किसी का पेट

दोस्तो साधारण सी बात है सभी समझ सकते है। तो क्या हल है हमारे पेट भरने का, सुखी जीवन औऱ आत्म निर्भरता का। एक ही सूत्र है कि खाने वाले कम हो और कमाई बढे। जी हां आप सही समझे मेरा इशारा है प्रधानमंत्री के देश को आत्म निर्भर बनाने के निश्चय की और ।
 जिसके लिए सबसे पहले जरूरी है जन संख्या नियंत्रण। भारत मे यह समस्या हमेशा ही विकराल रूप से खड़ी रही है। चीन में भी यही समस्या थी लेकिन वहां की सरकार ने प्रभावी कदम उठाते हुए नियंत्रण कर लिया लेकिन भारत की कोई भी सरकार बहुत प्रयासों और एक बड़ा धन खर्च करने के बाद भी सफल नही हुई।कारण अशिक्षा और धर्म अंधता। नतीजा जनसंख्या का तेजी से विस्तार। अब उसके लिए रोटी, कपड़ा और मकान, शिक्षा और रोजगार का प्रबंध कोई सरकार सीमित संसाधनों के रहते आखिर कहा तक कर सकती है। सरकार के तमाम प्रयास तब अधूरे रह जाते है जब जनता की आवश्यकताए और उम्मीदे सीमा से अधिक बढ़ जाती हैं। अपील और समझाना पूरा नही पड़ता। अब केवल एक ही रास्ता बचता है वह है जनसंख्या कानून। सरकार को किसी जाति और धर्म से ऊपर उठकर एक प्रभावी जनसंख्या कानून लाना होगा जिससे आने वाले समय मे न केवल जनसंख्या को नियंत्रित किया जा सके बल्कि देश मे उचित पोषण, शिक्षा, स्वास्थय और रोजगार की व्यवस्था की जा सके। देश मे अयोग्य बच्चे पैदा न हो और देश में भिखारी न हो या इस परिपाटी पर लगाम लगाई जा सके। आवश्यकता है केवल दूर दृष्टि और दृढ़ निश्चय की ।हम कुछ प्राविधान प्रस्तावित कर रहै है और आपसे निवेदन करते हैं कि आप न केवल इसे अपना समर्थन देकर बल्कि अपने अतिरिक्त सुझाव देकर इस मुहिम के साथ जुड़कर देश को आगे बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनाने में अपना सहयोग दे।
1 सरकार केवल दो बच्चो के लिये सभी सुविधाये निश्चित करे।
2 अयोग्य जैसे अंधे, मानसिक तौर पर विक्षिप्त, भिकारी, एड्स के रोगी आदि पर संतान उत्पत्ति पर प्रतिबन्ध लगाय।
3 बच्चो के अधिकारो को सुनिश्चित करे।
4 अभीभावक के लिये बच्चे को न्यूनतम हाई स्कूल तक की शिक्षा दिलाने की बाध्यता करे ।इसके पालन न होने पर कठोर दंड का पराविधान होना चाहिए।
5 दो संतान के बाद हर नागरिक के लिये परिवार नियोजन आवश्यक हो। अनुपालन न होने की दशा मे कठोर दंड का पराविधान होना चाहिये।
6 इसके साथ ही सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा के वचन का अनुपालन करे।
7 महिलाओं को प्रसव काल के लिये नकद सब्सिडी अथवा सहायता नही बल्कि उसके अच्छे पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करे और कोई लापरवाही होने पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता के विरुद्ध कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।
8 प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को इसके लिये सभी सुविधाओं से सुसज्जित करने के साथ महिला चिकित्सक की भी नियुक्ति की जानी चाहिए।
आप सभी अपने सुझाव हमारी वेबसाइट अथवा व्हाट्सएप के माध्यम से हमे भेज सकते है। कृपया अधिक से अधिक समर्थन देकर देश के निर्माण में सहयोगी बने।
बिल्ड इंडिया फोरम
लेखकः- एल0एम0 शर्मा

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