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महिलाओं ने संभाली “अस्पताल बचाओ आंदोलन“ की कमान 

देहरादून। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला कोई कंपनी के हाथों से मुक्ति दिलाने के कमान अब उत्तराखंड क्रांति दल तथा स्थानीय ग्रामीणों ने अपने हाथ में ले ली है। पिछले 44 दिन से चल रहे आंदोलन का परिणाम अभी भी लंबित देखकर आंदोलन से जुड़ी महिलाएं और उत्तराखंड क्रांति दल महिला मोर्चा के पदाधिकारी आक्रोशित हो गए हैं। पिछले दिनों यह महिलाएं अस्पताल की छत पर ही चढ गई थी, वहां से उनको किसी तरीके से अनुबंध को निरस्त कराने का आश्वासन देकर नीचे उतारा गया तो फिर संस्तुति के अनुसार अनुबंध निरस्त न होने पर महिलाएं देहरादून यमुना कॉलोनी स्थित स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के आवास पर ही धरना देकर बैठ गई थी। वहां पर भी पुलिस बल के समझाने और स्वास्थ्य मंत्री के निजी सचिव आर एस देव द्वारा फोन पर जल्दी ही अनुबंध निरस्त कराने के निर्देश दिए जाने के आश्वासन के बाद महिलाएं किसी तरह से वापस लौटने को राजी हुई और अब महिलाओं ने पूरे आंदोलन की कमान अपने हाथ में ले ली है।
लोकायुक्त आंदोलन के संयोजक परमानंद बलोदी द्वारा 5 दिन के अनशन के बाद उन्हें उठा लिया गया तो फिर उत्तराखंड क्रांति दल महिला मोर्चा की संगठन मंत्री सरोज रावत आमरण अनशन पर बैठ गई हैं। आज उनके अनशन का दूसरा दिन था। उनके साथ आंदोलन में महिलाओं की एक पूरी टीम 24 घंटे तैनात हैं। अनशन के दूसरे दिन स्वास्थ्य विभाग की टीम उनकी जांच के लिए पहुंची और उनका वजन, सुगर, बीपी तथा अन्य स्वास्थ्य संबंधी जांच करके रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दी है। आंदोलन के समर्थन मे आज मनीष शर्मा, अनूप उनियाल, पिंकी थपलियाल, विनोद कोठियाल, आदिल, अजय कुमार, गुरदीप सिंह, टॉमस मेसी, न्यूटन आस्तीन, कमलेश पाल, कैप्टन सविता श्रीवास्तव, चंपा देवी, रमेश उनियाल, विमला देवी, किरण देवी, शशिबाला, लक्ष्मी देवी, पूनम भंडारी तथा महिमानंद आदि शामिल थे।

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