Politics

एचडी कुमारस्‍वामी की सरकार पर अस्थिरता का संकट, क्षुब्‍ध कांग्रेस विधायकों ने खोला मोर्चा

बेंगलुरु । कर्नाटक में 15 दिन पुरानी एचडी कुमारस्‍वामी की सरकार पर अस्थिरता का संकट उत्‍पन्‍न हो सकता है। मंत्री पद नहीं मिलने के कारण गठबंधन सरकार से क्षुब्‍ध कांग्रेस विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है। अगर विधायकों की इस बगावत को विराम नहीं मिला तो यह कुमारस्‍वामी सरकार अस्थिर हो सकती है। अंदरखाने तो यह भी सुगबुगाहट है कि इनमें से कुछ असंतुष्ट विधायक भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं। कुछ विधायक कांग्रेस छोड़ने का मन लगभग बना चुके हैं। इस पूरे मामले में भाजपा की पैनी नजर है। इस बीच कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री ने कहा है कि पोर्टफोलियों के आवंटन को लेकर निश्चित रूप से कांग्रेस विधायकों में तनाव है। लेकिन उन्‍होंने उम्‍मीद जताई है कि कांग्रेस नेता इस मामले में सही फैसला लेंगे। कांग्रेसी विधायक एचएम रेवन्ना ने कहा है कि वह भाजपा के नेताओं के सपंर्क में हैं। उन्‍होंने भाजपा में शामिल होने की संभावना से इंकार नहीं किया। भाजपा ने इस बात की प‍ुष्टि की है। उधर, क्षुब्‍ध विधायकों का कहना है कि केसी वेणुगोपाल और उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने सरकार गठन में सही भुमिका नहीं निभाई है।क्षुब्‍ध विधायकों का कहना है कि कुमारस्‍वामी सरकार में कई ऐसे वरिष्ठ कांग्रेस विधायकों को शामिल नहीं किया गया है, जो पूर्व की सिद्धारमैया सरकार में मंत्री थे। इनमें एमबी पाटिल, दिनेश गुंडूराव, रामलिंगा रेड्डी, आर रोशन बेग, एचके पाटिल, तनवीर सैत, सतीश जारकिहोली शामिल हैं। गुरुवार को एमबी पाटिल के आवास पर हुई बैठक में क्षुब्ध विधायक एमटीबी नागराज, सतीश जारकिहोली, रोशन बेग और सुधाकर ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद जारकिहोली ने कहा कि कैबिनेट के विस्तार पर चर्चा करने के लिए हम एकत्रित हुए थे और यह सही है कि मंत्री न बनाए जाने से हम नाखुश हैं। जारकिहोली अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव भी हैं। उन्‍होंने कहा कि हम अपना संदेश पार्टी को सही तरीके से देने के लिए एकत्रित हुए थे। हम जल्द ही फिर मिलेंगे। उन्होंने मीडिया में बैठक को असंतुष्टों की बैठक करार दिए जाने को गलत बताया।

बता दें कि कर्नाटक में मंत्री न बनाए जाने से नाराज कई कांग्रेस विधायकों ने भविष्य की रणनीति बनाने के लिए बैठक की है। बुधवार को ही 15 दिन पुरानी एचडी कुमारस्वामी सरकार का विस्तार हुआ था, उसमें जदएस और कांग्रेस के 25 विधायकों को मंत्री बनाया गया था। कर्नाटक में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से कांग्रेस के जिन विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है, उन्होंने कर्नाटक कांग्रेस के प्रभारी केसी वेणुगोपाल और उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर से नाराजगी जाहिर की है। उधर, क्षुब्‍ध विधायकों का कहना है कि अगर पार्टी नेता बैठक कर रहे हैं तो क्या वह गलत है ? चर्चा पार्टी हित में की जा रही है। उल्लेखनीय है कि जो कांग्रेस विधायक मंत्री न बनाए जाने से नाखुश हैं उनमें से कई लिंगायत समुदाय के हैं जो प्रदेश का सबसे ब़़डा समुदाय है। सिद्धारमैया सरकार ने इसे अल्पसंख्यक का दर्जा देकर चुनाव में उसका समर्थन लेने की कोशिश की थी।

कांग्रेस आलाहाई कमान की पैनी नजर कर्नाटक में चल रही कांग्रेस विधायकों की गतिविधियों पर आलाकमान की पैनी नजर है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी हाई कमान विरोध के स्वर ऊंचे करने वाले नेताओं पर नजर रखे है। यह भी कहा जा रहा है कि और भविष्य में उनके लिए मंत्रीपद हासिल करना और भी मुश्किल हो सकता है। पार्टी मंत्रियों में विभाग बांटने के लिए भी इंतजार कर रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button