उत्तरप्रदेश

यूपी सरकार का दावा है कि हॉटस्पॉट की रणनीति है कारगर

लखनऊ।  कोरोना पर काबू के प्रयासों में यदि राजस्थान का भीलवाड़ा मॉडल चर्चा में है तो अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के ‘हॉटस्पॉट’ मॉडल ने भी दूसरे राज्यों को उम्मीद दिखाई है। यूपी सरकार का दावा है कि हॉटस्पॉट की रणनीति कारगर है। साथ ही यह भी संतोष है कि जनसंख्या के लिहाज से यूपी में कोरोना के मामले कम हैं। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के हालात की जानकारी अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने शनिवार को लोकभवन में पत्रकारों से साझा की। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में कोरोना को रोकने के लिए की गई हॉटस्पॉट की व्यवस्था की पूरे देश में प्रशंसा हो रही है। हॉटस्पॉट को लेकर जो रणनीति लगभग चार दिन पहले यहां लागू की गई है, उसे अन्य प्रदेशों ने भी लागू किया है। बड़े प्रदेशों में यह रणनीति काफी कारगर सिद्ध हुई है।

      अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि 15 जिलों में कुल 125 हॉटस्पॉट हैं, जहां 1,41,110 मकान चिह्नित कर लिए गए हैं। इन हॉटस्पाट में कुल आठ लाख 95 हजार 21 लोग रहते हैं। इसमें कोरोना के 329 पॉजिटिव केस हैं। इसके अलावा 2942 संदिग्ध थे, जिसमें से 2863 लोगों को क्वारंटाइन कर दिया गया है।

दूसरे चरण में 55 हॉटस्पॉट, बढ़ सकता लॉकडाउन उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लॉकडाउन को लेकर कोई घोषणा कर सकते हैं। अभी कोई निर्णय तो नहीं लिया गया है लेकिन, जिस तरह से मामले बढ़ रहे हैं और सरकार हॉटस्पॉट बढ़ाकर सख्ती बढ़ा रही है, उससे उम्मीद है कि लॉकडाउन की अवधि यहां जरूर बढ़ा दी जाएगी। अपर प्रमुख सचिव गृह ने बताया कि जहां कोरोना के मरीज मिल रहे हैं, उन क्षेत्रों को हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित कर सील किया जा रहा है। दूसरे चरण में ऐसे 55 स्थान चिह्नित किए हैं। इसके अलावा जहां एक या एक से अधिक मामले हैं, उन स्थानों पर भी कार्रवाई शुरू हो गई है।

एक दिन में दस हजार से अधिक की जांच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना जांच की गति बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में एक दिन में कुल 10,398 लोगों का टेस्ट किया गया है, जो रिकॉर्ड है। इनमें से 9950 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव है।

यह है हॉट स्पॉट व्यवस्था

  • जिस क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव केस मिलता है, उसे पूरे क्षेत्र की बैरिकेडिंग कर अंदर आने-जाने के रास्ते बना दिए जाते हैं।
  • हॉट स्पॉट क्षेत्रों में कोई घर से नहीं निकल सकता। स्वास्थ्य, सफाई, आवश्यक वस्तु की डोर टू डोर स्टेप डिलीवरी वाले कर्मी ही आ-जा सकते हैं।
  • प्रत्येक हॉट स्पॉट के लिए एक मजिस्ट्रेट और एक पुलिस अधिकारी नामित कर दिया गया है।
  • पानी में दवा डालकर पूरे क्षेत्र को फायर ब्रिगेड के माध्यम से सेनिटाइज किया जा रहा है।
  • कोरोना संक्रमित रोगी के संपर्क में आए सभी प्राइमरी और सेकेंड्री कांटेक्ट की टेस्टिंग की जा रही है।
  • यदि कोई व्यक्ति बाहर निकलता है तो धारा 188 के तहत चालान, वाहन का भी चालान कर जब्त किया जा रहा है।
  • क्षेत्र के हर मकान और उसमें रहने वालों के रिकॉर्ड की जांच और निगरानी की जा रही है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button