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पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सब कुछ पीछे छोड़ पंचतत्व में हुई विलीन,पूरे राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

नई दिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की कद्दावर नेता सुषमा स्वराज सब कुछ पीछे छोड़ पंचतत्व में विलीन हो गईं। अंतिम यात्रा में हजारों लोगों ने उन्हें नम आखों से विदाई दी। सुषमा स्वराज को लोधी रोड स्थित शवदाह गृह पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। बेटी बांसुरी स्वराज ने सुषमा स्वराज को मुखाग्नि दी। सुषमा स्वराज को अंतिम विदाई देने के लिए पीएम मोदी, लालकृष्ण आडवाणी, अमित शाह, राजनाथ सिंह समेत देश-दुनिया के कई प्रमुख नेता मौजूद रहे। मंगलवार शाम को केंद्र सरकार को ट्वीट कर अनुच्छेद 370 हटने पर बधाई देने के कुछ ही घंटों बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा। बेहद नाजुक हालत में एम्स में देर रात 10.15 बजे भर्ती कराया गया। निधन से कुछ घंटे पहले ही उन्होंने ट्वीट कर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी और कहा था कि वह अपने जीवन में इस दिन को देखने का इंतजार कर रही थीं। सुषमा स्वराज के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राहुल गांधी समेत देश-दुनिया के नेताओं ने शोक जताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब विचारधारा और भाजपा के हितों का मामला होता था तो वह कभी समझौता नहीं करती थीं। इस बीच हरियाणा और दिल्‍ली की सरकारों ने पूर्व विदेश मंत्री के सम्‍मान में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणाएं की है। सुबह 11 बजे तक उनका पार्थिव शरीर उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक कार्यकर्ताओं और लोगों द्वारा अंतिन दर्शन के लिए सुषमा स्वराज के पार्थिव शरीर को बीजेपी मुख्यालय में रखा गया। दोपहर 3 बजे उनकी अंतिम यात्रा लोधी रोड के शवदाह गृह के लिए रवाना हुई। हजरों लोग उनकी अंतिम यात्रा के दौरान मौजूद रहे। बेटी बांसुरी ने अंतीम संस्कार के सभी रस्मों को पूरा किया। सुषमा स्वराज ने अपने स्वास्थ्य कारणों के चलते ही वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया था। उन्होंने वर्ष 2016 में अप्रैल में एम्स से ही किडनी ट्रांसप्लांट कराया था।

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